
परिचय: ITR फाइलिंग क्यों ज़रूरी है?
आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना हर करदाता के लिए ज़रूरी है, चाहे आप नौकरीपेशा हों, फ्रीलांसर हों, या व्यवसायी। वित्तीय वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है, लेकिन जल्दी शुरू करने से आप पैसे और तनाव बचा सकते हैं। गलत फॉर्म चुनना, दस्तावेज़ भूलना, या देर करना – ये गलतियाँ रिफंड रोक सकती हैं या जुर्माना लगा सकती हैं। Credfill की मदद से, ITR फाइलिंग आसान और तेज़ है। इस गाइड में, हम आपको 2025 में ITR दाखिल करने की पूरी प्रक्रिया बताएंगे – सही फॉर्म चुनने से लेकर रिफंड पाने तक।
सही ITR फॉर्म चुनें
ITR फाइलिंग का पहला कदम है सही फॉर्म चुनना। गलत फॉर्म मतलब रिटर्न रिजेक्ट या स्क्रूटनी। यहाँ मुख्य फॉर्म्स हैं:
- ITR-1 (सहज): नौकरीपेशा या एक मकान की किराए की आय वालों के लिए, जिनकी कुल आय ₹50 लाख तक है।
- ITR-2: जिनके पास शेयर बिक्री (कैपिटल गेन्स), एक से ज़्यादा प्रॉपर्टी, या विदेशी संपत्ति है, लेकिन व्यवसाय नहीं।
- ITR-3: व्यवसाय या पेशेवर आय वालों के लिए, जिनके पास विस्तृत बहीखाता है।
- ITR-4: छोटे व्यवसायी या फ्रीलांसर (टर्नओवर ₹2 करोड़ या ₹50 लाख तक) जो प्रिजम्प्टिव टैक्सेशन चुनते हैं।
उदाहरण: पटना के एक शिक्षक ने ITR-1 की जगह ITR-2 में फाइल किया क्योंकि उनके पास शेयर बिक्री थी। रिफंड में 3 महीने की देरी हुई। Credfill आपके आय स्रोतों का विश्लेषण करता है और सही फॉर्म चुनता है – कोई गलती नहीं।
ज़रूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करें
ITR दाखिल करने के लिए ये दस्तावेज़ चाहिए:
- पैन और आधार कार्ड: फाइलिंग और सत्यापन के लिए अनिवार्य।
- फॉर्म 16: नियोक्ता से वेतन और TDS की जानकारी।
- फॉर्म 26AS: TDS, TCS, और अग्रिम कर की डिटेल – रिफंड का आधार।
- बैंक स्टेटमेंट: ब्याज आय या रिफंड के लिए खाता सत्यापन।
- कटौती के सबूत: 80C (PPF, LIC), 80D (स्वास्थ्य बीमा), या किराया (HRA) के रसीद।
पटना के एक फ्रीलांसर ने फॉर्म 16A भूलकर ₹20,000 का रिफंड खो दिया। Credfill ने फॉर्म 26AS चेक किया और ITR-4 फाइल कर रिफंड दिलाया। सभी दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें – हम आपकी मदद करेंगे।
ITR दाखिल करने की प्रक्रिया
- ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करें: पैन और पासवर्ड से लॉगिन करें।
- आय और TDS दर्ज करें: फॉर्म 16/26AS से डेटा डालें।
- कटौती क्लेम करें: 80C, 80D जैसे डिडक्शन्स जोड़ें।
- कर गणना करें: स्लैब के हिसाब से टैक्स चेक करें।
- रिटर्न सबमिट करें: गलतियों के लिए डबल-चेक करें।
नागपुर के एक क्लाइंट ने ब्याज आय छोड़ी, जिससे उनका ₹15,000 रिफंड अटक गया। Credfill 2-3 दिनों में सटीक फाइलिंग करता है – कोई त्रुटि नहीं।
रिटर्न सत्यापित करें
फाइलिंग के बाद, 30 दिनों में ITR सत्यापित करना ज़रूरी है – आधार OTP, नेट बैंकिंग, या ITR-V को CPC बैंगलोर भेजकर। बिना सत्यापन, रिफंड रुकता है। एक बिहार रिटायरी ने सत्यापन भूला – ₹25,000 रिफंड 4 महीने अटका। Credfill सत्यापन गाइड करता है – OTP से लेकर ITR-V तक।
रिफंड कैसे ट्रैक करें
रिफंड की स्थिति ई-फाइलिंग पोर्टल पर पैन और रसीद नंबर से चेक करें। आमतौर पर 2-3 महीने लगते हैं। गलत बैंक डिटेल्स या बेमेल डेटा रिफंड रोकता है। Credfill आपका रिफंड ट्रैक करता है और समस्याएँ जल्दी हल करता है।
जल्दी फाइलिंग के फायदे
- तेज़ रिफंड: अप्रैल-मई में फाइल करें, जून तक रिफंड।
- जुर्माना बचाएँ: ₹1,000-₹5,000 की देर की फीस से बचें।
- तनाव कम: जल्दी शुरू करें, जुलाई की भीड़ से बचें।
पटना के एक इंजीनियर ने अप्रैल में ITR-1 फाइल कर ₹40,000 रिफंड 2 महीने में पाया। Credfill की तेज़ प्रक्रिया आपको आगे रखती है।
Credfill क्यों चुनें?
ITR फाइलिंग जटिल हो सकती है, लेकिन Credfill इसे आसान बनाता है। हम आपके दस्तावेज़ चेक करते हैं, सही फॉर्म चुनते हैं, और 2-3 दिनों में फाइल करते हैं। चाहे ITR-1 हो या ITR-4, हमारा लक्ष्य है आपका रिफंड और बचत बढ़ाना। 2025 में टैक्स फाइलिंग शुरू करने के लिए, आज ही अपने दस्तावेज़ अपलोड करें – Credfill आपके साथ है!